(श्याम चोरसिया)
इन दिनों सारँगपुर, नरसिंहगढ की सीताफल राडियो से उठती मोहक महक मोहित किए हुए है। अति वर्षा के बाबजूद गजब की बहार आई।मगर गत वर्ष की तुलना में फल थोड़े महंगे लगते है। बड़ी आंखों वाला फल 40 से 50 रुपये के बीच स्थानीय बाजार में है। यही फल दिल्ली,मुंबई, चंडीगढ़ में 70 रुपये से कम नही बिकता है।दिल्ली,मुंबई, चंडीगढ़ के थोक व्यापारियों ने बेहत्तर किस्म की राडियो का सौदा जुलाई,अगस्त में ही कर लिया था।
मोटे अनुमान के अनुसार मालवा के सारंगपुर ,नरसिंहगढ़,मांडव आगर आदि से प्रतिवर्ष 03 करोड़ से अधिक के सीताफल निर्यात होते है। सीताफल सागर के राहतगढ़,रायसेन के बाड़ी बरेली, पंचमढ़ी,जबलपुर में भी खूब होते है। मगर स्वाद और मिठास के मामले में मालवा के सीताफल का कोई तोड़ नही है।
इन दिनों बस स्टैंड,बाजारों में सशक्तिकरण की मिसाल सेकड़ो महिलाएं सीताफल टोकरियों में सजा कर कुशलता से मोल भाव करती प्रतीत होती है। उनमें नाबालिक बालिकाएं भी शामिल है। सीताफल का सीजन 35-40 दिन का रहता है।
इक्का दुक्का पेड़ किसी न किसी खेत,घर मे मिल जाते है।मगर सीताफल की राडिया पहाड़ियों,पठारों कंदराओं में ही फब्ती है।